गिलहरी का योगदान-Spiritual Story in Hindi

यह कहानी उस समय की है जब भगवान् श्री राम (Ram) माता सीता को पापी रावण (Ravan) के बंधन से छुड़ाने के लिए लंका तक जाने के लिए समुन्द्र के बिच एक सेतु का निर्माण कर रहे थे| माता सीता तक पहुँचने वाले इस सेतु के निर्माण में महाबली वीर हनुमान और उनकी पूरी वानर सेना लगी थी| महावीर हनुमान और उनकी पूरी वानर सेना बड़े-बड़े पत्थरों पर “श्री राम” नाम लिखकर समुन्द्र में रख देते और सेतु का निर्माण करने लगे | तभी भगवान् श्री राम की नज़र उस गिलहरी पर पड़ी, जो पहले समुद्र किनारे पड़ी धुल पर लोट कर धुल अपने शरीर पर चिपका लेती और फिर पुल पर आकर झिटक देती| वह लगातार इस काम को करती जा रही थी| काफी देर तक उस गिलहरी को ऐसा करते देख भगवान् राम उस गिलहरी के पास गए और गिलहरी को प्यार से अपने हाथों से उठा कर बोले- यह तुम क्या कर रही हो| गिलहरी ने भगवान् श्री राम को प्रणाम किया और बोली- महाबली वीर बजरंग बलि हनुमान और उनकी पूरी सेना बड़े-बड़े पत्थरों से इस पुल का निर्माण कर रही
हैं, लेकिन में छोटी सी गिलहरी यह सब नहीं कर सकती इसिलिए मुझसे जितना बन पड रहा है में वो कर रही हूँ|में भी इस काम मे अपना छोटा सा योगदान देना…
हैं, लेकिन में छोटी सी गिलहरी यह सब नहीं कर सकती इसिलिए मुझसे जितना बन पड रहा है में वो कर रही हूँ|में भी इस काम मे अपना छोटा सा योगदान देना…